वैज्ञानिकों ने बनाया नया ब्रेन सेंसर, मस्तिष्क की कई बीमारियों को समझने में मिलेगी मदद

वैज्ञानिकों ने बनाया नया ब्रेन सेंसर, मस्तिष्क की कई बीमारियों को समझने में मिलेगी मदद

सेहतराग टीम

हमारे शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए मस्तिष्क जरूरी होता है। क्योंकि दिमाग ही हमारे अंगों को आदेश देता है तब अंग कार्य करते हैं। इसलिए मस्तिष्क ठीक रहना बेहद ही जरूरी होता है। वहीं अब शोधकर्ता मस्तिष्क के भीतर संचार व्यवस्था की निगरानी के लिए भी उपकरण विकसित किया है। जी हां ये शोध वर्जीनिया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने की है। यह बताता है कि अल्जाइमर की दवाओं का सीमित प्रभाव क्यों है और उनके बंद होने के बाद मरीजों को बहुत बुरा क्यों लगता है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि उनकी नई पद्धति से अवसाद, नींद की बीमारी (स्लीप डिसऑर्डर), न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका संबंधी) समस्याएं और प्रमुख मनोरोग स्थितियों के बारे में हमारी समझ पर जबरदस्त प्रभाव पड़ेगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह मस्तिष्क के कामकाज में वैज्ञानिक अनुसंधान को गति देगा और इससे नए उपचारों के विकास में भी मदद मिलेगी।

पढ़ें- सांस फूलने की समस्या हो रही है, जानिए इसका कारण और आराम पाने के तरीके

प्रमुख शोधकर्ता जे. जुलियस झू कहते हैं, 'अब हम यह 'देख' सकते हैं कि कोशिकाएं स्वस्थ मस्तिष्क और रोगग्रस्त मस्तिष्क, दोनों में कैसे संचार करती हैं।' वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट में कहा है कि बड़े पैमाने पर अल्जाइमर दवाओं का इस्तेमाल इस सटीक संचार को बाधित कर सकता है। वे कहते हैं कि यह दवाओं की सीमित प्रभावशीलता की व्याख्या कर सकता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले सालों में यह ब्रेन सेंसर डॉक्टरों को न्यूरोलॉजिकल बीमारियों और मनोरोग समस्याओं को समझने, बीमारी पैदा करने वाले जीनों की पहचान करने और संभावित उपचार के लिए दवाएं विकसित करने में मदद करेगा। 

क्या है अल्जाइमर

नेशनल हेल्थ पोर्टल ऑफ इंडिया के मुताबिक, अल्जाइमर धीरे-धीरे विकसित होने वाला मस्तिष्क रोग है। इसकी शुरुआत चीजें भूलने और याददाश्त में कमी विकसित होने के साथ होती है, जिसके परिणामस्वरूप मरीजों को हाल-फिलहाल की घटनाओं को भी याद रखने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। यह बीमारी ज्यादातर बुजुर्गों को प्रभावित करती है। 

अल्जाइमर के संकेत 

  • स्वभाव में बदलाव 
  • समय या स्थान में भटकाव 
  • छोटी से छोटी समस्याओं को भी हल करने में परेशानी होना 
  • हाल ही में मिली जानकारी को भी भूल जाना 
  • घर या कार्यस्थल पर सामान्य कामों को भी करने में कठिनाई महसूस होना 
  • किसी चीज को गलत जगह पर रख देना 
  • पढ़ने या रंग पहचानने में कठिनाई होना

इसे भी पढ़ें-

हमेशा महसूस होती है थकान और नींद, जानिए 9 कारण और बचाव

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।